Moradabad News: राष्ट्रसेवा की मिसाल- मुरादाबाद के पर्वतारोही परिवार को आर. विन फाउंडेशन ने दिया ‘एक प्रेरणा का दीपक’ सम्मान
मुरादाबाद: Moradabad News- कभी कभी किसी परिवार की कहानी सिर्फ़ कहानी नहीं होती, बल्कि वह राष्ट्र की आत्मा का आईना बन जाती है। मुरादाबाद का हरकेश सिंह परिवार ऐसी ही गाथा है। एक घर, चार बेटे और पीछे खड़ी महिला, जो अपने साहस, धैर्य और अनकहे बलिदान से परिवार की हर उपलब्धि की रीढ़ की हड्डी बनी हुई है। रवि कुमार—एवरेस्ट फतह करने वाला बेटा, जो तिरंगे में लौट आया।

इस घर का सबसे बड़ा बेटा, रवि कुमार, पर्वतों से बातें करता था। उसने एवरेस्ट फतह किया, भारत के सर्वोच्च साहसिक सम्मान” तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार” से नवाज़ा गया। लेकिन उसके जीवन का सबसे बड़ा परिचय था—शहादत। आज भी उसके नाम से बसा संग्रहालय (म्यूज़ियम), उसके साहस और बलिदान की कहानियाँ सुनाता है। दीवारों पर लगे मेडल, एवरेस्ट अभियान की तस्वीरें और तिरंगे में लिपटी उसकी यादें… हर आगंतुक को भावुक कर देती हैं। (Moradabad News)
मनोज कुमार—15 दिन में तीन चोटियाँ, फिर यूरोप की सबसे ऊँची चोटी पर तिरंगा दूसरे बेटे मनोज कुमार ने रवि के सपनों को आगे बढ़ाया। वर्ष 2024 में मात्र 15 दिनों में उसने हिमाचल की तीन चोटियाँ—युनाम, कांग यास्ते-2 और कांग यास्ते-1—फतह कर यह साबित किया कि उत्तर प्रदेश का बेटा भी हिमालय की ऊँचाइयों पर अपनी पहचान बना सकता है।

और जब, 24 अगस्त 2025 को उसने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एलब्रश (5642 मीटर) पर तिरंगा फहराकर पूरे भारत का नाम रोशन किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को सम्मानित करते हुए, आज आर. विन फाउंडेशन ने आज उनके परिवार को उनके आवास पर जाकर आधिकारिक रूप से “एक प्रेरणा का दीपक” सम्मान प्रदान किया। सुनील कुमार पुलिस की वर्दी में कर्तव्यपथ पर—सुनील कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में है। उसके लिए कोई पर्वत या सीमा नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा ही सबसे बड़ा धर्म है। (Moradabad News)
गौरव कुमार, समाजसेवा में अग्रणी, जहाँ एक भाई शहीद हुआ, दूसरा पर्वत पर चढ़ा और तीसरा पुलिस में देशभक्ति निभा रहा है, वहीं गौरव कुमार समाजसेवा को अपनी राह मान चुका है।पिता हरकेश सिंह—रेलवे से रिटायर्ड, पर राष्ट्रसेवा की परंपरा के असली निर्माता। इन चारों बेटों की प्रेरणा का स्रोत हैं पिता श्री हरकेश सिंह। भारतीय रेलवे से रिटायर हो चुके हरकेश सिंह का चेहरा भले अब झुर्रियों से भर गया हो, लेकिन आँखों में चमक आज भी वही है—राष्ट्रप्रेम की चमक। (Moradabad News)
जब वे अपने बेटे शहीद रवि के संग्रहालय की तस्वीरें दिखाते हैं, तो कहते हैं “एक बेटा तिरंगे में लिपटकर आया, दूसरा तिरंगा लेकर पर्वत की ऊँचाइयों पर पहुँचा, तीसरा पुलिस की वर्दी में है और चौथा समाजसेवा में। यही मेरी असली संपत्ति है। यही मेरे जीवन का गर्व है।” जब देश और पर्वत की बुलंदियों में बेटों की नामी कहानी सुनाई जाती है, तो अक्सर हम पीछे खड़ी महिला—माँ या पत्नी—की भूमिका भूल जाते हैं। यह परिवार न सिर्फ चार बेटों की बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि पीछे खड़ी महिला सदस्य की अटूट ताकत का भी उदाहरण है।
यही परिवार हमें सिखाता है कि सच्ची महानता और राष्ट्रभक्ति पूरे परिवार में बसती है। इस अवसर पर आर. विन फाउंडेशन के संस्थापक कल्याण सिंह ने कहा कि “मनोज कुमार की यह उपलब्धि केवल एक पर्वतारोही की जीत नहीं है, बल्कि यह लाखों भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का दीपक है, यह परिवार सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि एक प्रेरणा, एक संदेश और राष्ट्रभक्ति की जीवंत मिसाल है। (Moradabad News)
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