Jaipur Hospital Fire: एसएमएस अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी अनुराग धाकड़ ने बताया कि हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं: एक ट्रॉमा आईसीयू और एक सेमी-आईसीयू। हमारे वहां 24 मरीज थे; 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में…
जयपुर: Jaipur Hospital Fire- राजस्थान के जयपुर में रविवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में बने आईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई, इस हादसे में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। जिस दौरान ये हादसा हुआ उस वक्त ट्रॉमा सेंटर में 11 मरीजों का उपचार चल रहा था।

आग लगने के बाद मरीज और उनके तीमरादार जान बचाने के लिए बेड और गद्दा लेकर भागने लगे। हालांकि, इसके बाद भी कई लोगों की जान नहीं बच सकी। पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब अस्पताल में आग लगी, उस वक्त डॉक्टर और कंपाउंडर वहां से भाग खड़े हुए। शुरुआती जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में आग लगी। (Jaipur Hospital Fire)
आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हालांकि, इस घटना की विस्तृत जांच के लिए सीएम भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। इस हादसे में अपने परिजन को खोने वाले एक ओमप्रकाश नाम के एक व्यक्ति का कहना है कि उनका चचेरा भाई अस्पताल में भर्ती था। उसकी भी इस आग की घटना में मौत हो गयी।
ओमप्रकाश बताते हैं कि रात के करीब साढ़े 11 बजे जब धुआं फैलने लगा, तो उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों को होने वाली संभावित परेशानी के बारे में आगाह किया। जब तक धुआं बढ़ता, डॉक्टर और कंपाउंडर भाग चुके थे। केवल चार-पांच मरीजों को ही निकाला जा सका। दुर्भाग्य से, इस घटना में मेरी मौसी के बेटे की जान चली गई। वह लगभग ठीक हो रहा था और उसे दो-तीन दिनों में छुट्टी मिलनी थी। (Jaipur Hospital Fire)
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एसएमएस अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी अनुराग धाकड़ ने बताया कि हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं: एक ट्रॉमा आईसीयू और एक सेमी-आईसीयू। हमारे वहां 24 मरीज थे; 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में। आगे बताया कि ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं। (Jaipur Hospital Fire)
ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे। हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, हमारे नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर लादकर बचाया और जितने मरीजों को हम आईसीयू से बाहर निकाल पाए, उन्हें दूसरी जगह ले गए। उनमें से छह मरीज बहुत गंभीर थे।
Source: jagran
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