CSP Hina Khan News: यह पूरा विवाद हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिम लागाने से आरम्भ हुआ था। जिसको लेकर आज दिनांक 15 अक्टूबर को कुछ संगठनों द्वारा ग्वालियर में शक्ति प्रदर्शन का एलान किया….
ग्वालियर: CSP Hina Khan News- एमपी के ग्वालियर हाईकोर्ट में अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर शुरु हुआ विवाद अब सनातन के अपमान तक पहुँच गया है। मामले में अब ग्वालियर CSP हिना ख़ान का ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है।

इस वायरल वीडियो में ग्वालियर CSP हिना खान की हाईकोर्ट में अम्बेडकर की प्रतिमा विवाद से चर्चा में आये एडवोकेट अनिल मिश्रा के बीच पहले तीखी नोंक-झोंक होती दिख रही है, और फ़िर जब एडवोकेट अनिल मिश्रा द्वारा इस विवाद को सनातन के अपमान से जोड़ने लगे तो ग्वालियर की CSP हिना ख़ान एडवोकेट अनिल मिश्रा की आँखों में आँखे डालकर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते नज़र आ रही है।
बता दें कि यह पूरा विवाद हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिम लागाने से आरम्भ हुआ था। जिसको लेकर आज दिनांक 15 अक्टूबर को कुछ संगठनों द्वारा ग्वालियर में शक्ति प्रदर्शन का एलान किया था। इस पूरे विवाद में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर पर विवादित टिप्पणी करने वाले बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा जब अपने समर्थकों के साथ फूलबाग पहुँचे और मन्दिर के पास सुन्दरकांड करने का प्रयास करने लगे।
लेकिन जब पुलिस द्वारा इसको रोक दिया गया तो एडवोकेट अनिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ सड़क परभी टेंट लगाकर सुन्दरकांड करने का प्रयास करने लगे। इस बात पर एडवोकेट अनिल मिश्रा और ग्वालियर CSP हिना ख़ान के बीच तीख़ी बहस होना शुरु हो गयी। CSP हिना ख़ान ने ग्वालियर शहर में धारा-163 लागू होने का हवाला देते हुए ऐसे किसी भी प्रकार के आयोजन किये जाने से रोक दिया गया।
CSP हिना ख़ान की इस बात एडवोकेट अनिल मिश्रा भड़क गये और उन्हें CSP हिना ख़ान को सनातन धर्म का विरोधी बताते हुए सुन्दरकाण्ड के आयोजन को रोकने पर सनातन का धर्म का अपमान करने का आरोप लगाते हुए हिन्दुत्वादियों के परंपरागत तरीक़े से ‘जय, जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरू कर दिये। जिसके बाद CSP हिना ख़ान ने भी सनातन के अपमान की बात सुनते ही तेज़ी से एडवोकेट अनिल की ओर बढ़ते हुए ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने के बाद एडवोकेट अनिल मिश्रा को ख़ूब खरी खोटी सुनाई।
बता दें कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कुक संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर रखी थी। जिसको लेकर ग्वालियर प्रशासन ने धारा-163 लागू कर दी है। ग्वालियर कलेक्टर की तरफ़ से जारी आदेश के अंतर्गत ग्वालियर जनपद की सीमा के भीतर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना प्रशासन की अनुमति के कोई भी प्रदर्शन, धरना, रैली या जुलूस इत्यादि पर पाबंदी लगा रखी है।
कलेक्टर के इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जनपद में इस प्रकार के किसी आयोजन करने के लिये सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी आवश्यक होगी, और सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ पोस्ट करने वालों को चेतावनी दी है। फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) आदि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर भी भड़काऊ, भ्रामक अथवा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली पोस्ट डालने और आगे फारवर्ड करने पर कड़ी कार्यवाही करने की बात1 कही गयी है।
इस आदेश में किसी भी प्रकार के ऐसे कटआउट, बैनर्स, पोस्टर्स, होर्डिंग्स और लेखन आदि पर भी पाबन्दी लगायी गयी है जो किसी भी धर्म, व्यक्ति, सम्प्रदाय, जाति अथवा समुदाय के विरुद्ध नारेबाज़ी करने अथवा भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया गया हो।
Source: webdunia
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