Kanpur Farzi Daroga: यूपी में एक फ़र्ज़ी दारोग़ा गिरफ़्तार, 5 वर्ष तक सिपाही, फ़िर खुद प्रमोशन लेकर बना दारोग़ा, 10 वर्षों तक बेवकूफ़ बनाता रहा लोगों को

Kanpur Farzi Daroga

कानपुर: Kanpur Farzi Daroga- सोचिए, कोई युवक पूरे 10 वर्षों तक पुलिस की वर्दी पहनकर कोई व्यक्ति पहले 5 वर्ष तक सिपाही और फ़िर खुद ही खुद का प्रमोशन कर दारोग़ा बनकर लोगों को ठगता रहे, और शादी भी उसी झूठे रुतबे के दम पर कर ले और पत्नी से लेकर ससुराल वालों तक किसी को भी इसकी भनक तक न लगे।Kanpur Farzi Daroga

यह सब सुनने के बाद भले ही आपको यह कोई फिल्मी कहानी लगे, लेकिन यह हक़ीक़त है। दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस ने ऐसे व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है जो पिछले 10 वर्षों से नक़ली पुलिस वाला बनकर लोगों से धन उगाही करने का काम कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, यूपी के कौशांबी जनपद का रहने वाला एक आज़ाद सिंह जादौन नाम का युवक 10 वर्षो तक ऐसा नाटक करता रहा, जिसे पकड़ने में पुलिस को भी 10 वर्ष लग गये। वर्दी और नकली पहचान का खेल ऐसा था कि ससुराल वाले तक 5 वर्षों तक ये ही मानते रहे कि उनकी बेटी की शादी एक असली दारोग़ा से हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, इस कहानी की शुरुआत होती है वर्ष 2015 से, उस समय आज़ाद सिंह जादौन ने खुद को सिपाही घोषित कर दिया। उसने थाने के पास ही एक रूम लिया और और हर रोज़ पुलिस की वर्दी पहनकर निकलता था। रिश्तेदार और आस-पास के लोग उसे पुलिस वाला मानने लगे। उसने छोटी मोटी दबंगई दिखाकर और और लोगों को झाँसा देकर उसने एक पुलिस वाले जैसी पहचान पक्की कर ली।

उसने 5 वर्षों बाद यानी वर्ष 2020 में उसने खुद अपना प्रोमोशन कर खुद को दारोग़ा घोषित कर दिया। उसने नई पुलिस की वर्दी सिलवाई, दारोग़ा का बैज लगवाया और लोगों से कहना शुरू कि अब उसका प्रमोशन हो गया है। बस यहीं से उसके ठगी का दायरा और बढ़ने लगा। अब वह सिर्फ लोगों को डराता नहीं ही था बल्कि सड़क पर चलती गाड़ियों से वसूली भी करने लगा।

ये ही नहीं, वह लोगों से पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी भी करने लगा था। दारोग़ा बनने का उसका नाटक इतना असरदार और रियल जैसा था कि सजेती के गाँव अमोली के वर्ष 2019 में उसके साथ एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी भी कर दी। परिवार को लगा कि उनकी बेटी एक ज़िम्मेदार पुलिस अफ़सर की पत्नी बन गयी है। (Kanpur Farzi Daroga)

5 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी ससुराल वालों ने अपने दामाद पर कभी किसी तरह का शक नहीं किया। क्योंकि वह हर बार अपनी ससुराल में वर्दी में आता था। वह कहता था मुझे स्पेशल जाँच पर रखा गया है, इसलिये वह थाने नहीं जाता है। आज तक उसकी पत्नी तक को भी ये ही भ्रम था कि उसका पति तो दारोग़ा है। इसके अलावा आज़ाद सिंह ने अपने साले को भी इसी फ़र्ज़ी खेल में शामिल कर लिया।

उसने अपने साले को अपना फॉलोवर बना दिया और साथ में गाड़ी में बैठाकर सड़कों पर चलने वाले वाहनों से वसूली करने लगा। इस दौरान आज तक साले को भी असलियत नहीं पता चली। क्योंकि साला अपने जीजा के रुतबे से इतना प्रभावित था कि उसने 5 वर्षो तक कभी कोई सवाल ही नहीं किया। ससुराल वाले अपने दामाद पर गर्व करते थे कि उनका दामाद इलाक़े में दरोगा है, और सब उनकी इज्जत करते थे। (Kanpur Farzi Daroga)

पूरे 10 वर्षो तक यह नाटक यूँ ही चलता रहा। लेकिन कहते हैं कि “ठग कितना भी चालाक हो, एक न एक दिन तो सच सामने आ ही जाता है” और ऐसा हुआ। हुआ यूँ कि सजेती में चोरी की वारदात हुई। असली थानेदार अवधेश सिंह अपनी टीम के साथ पहुँचे गाँव में, तो वहाँ ग्रामीणों ने शिकायत कर दी कि साहब यहाँ एक दरोगा कार से घूमता है, गाड़ियां रोकता है, और वह उनसे वसूली करता है। यह सुनकर थानेदार चौंक गये। क्यूँकि वहाँ थाने के काग़जों में तो इस नाम से ऐसा कोई दारोग़ा पोस्ट ही नहीं था। (Kanpur Farzi Daroga)

असली थानेदार ने अन्य थानों में जाँच कराई तो कोई भी इस नाम का दारोग़ा तो कहीं तैनात ही नहीं रहा। अब पूरा खेल पुलिस की पकड़ में आ गया। कथित दारोग़ा आज़ाद सिंह को चौकी बुलवाया गया। तो वह पुलिस की वर्दी पहनकर अपने साले के साथ चौकी पहुँचा। उसने हावभाव से अपने आपको दारोग़ा साबित करने का पूरा प्रयास किया, लेकिन थानेदार को उसकी बातों में खोट नज़र आया। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली तो वहाँ से कई पुलिस की नक़ली वर्दियाँ बेल्ट और पुलिस से जुड़ा सामान मिला।

जब उसके साथ कड़ाई से पूछताछ की गयी उसने सब सच सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने फ़र्ज़ी दारोग़ा आजाद सिंह और उसके साले को अरेस्ट कर लिया। (Kanpur Farzi Daroga)

स्रोत: Social Media

ये भी पढ़ें: वैष्णो देवी हादसे में यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर के भी 6 लोगों की हुई मौत और कई लापता

You may also like...