MP Primary Education News: मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक स्थिती अब ख़राब हो चली है, और ऐसी स्थिति में RTE (राइट टू एडुकेशन) के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को बिना फ़ीस के पढ़ाना सम्भव नहीं है…
न्यूज़ डेस्क: MP Primary Education News- एक ओर तो बीजेपी शासित राज्यों में सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले सरकारी स्कूलों को बन्द कर दूसरे सरकारी स्कूलों में मर्ज कर सरकारी स्कूलों की संख्या घटायी जा रही हैं, तो वहीं अब प्राइवेट स्कूलों द्वारा भी ग़रीब बच्चों को स्कूलों से सस्पेंड करते हुए पढ़ाने से इनकार किया जा रहा है। अब बड़ा प्रश्न खड़ा होता है कि ‘आख़िर अब देश में ग़रीबों के बच्चे पढ़ेंगे कहाँ?’

ऐसी ही एक ख़बर सामने आयी है मध्यप्रदेश से, जहाँ प्राइवेट स्कूलों ने 10 हज़ार से अधिक ग़रीब बच्चों को सस्पेंड करते हुए उन्हें पढ़ाने से साफ़ इनकार कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में अब 1 अक्टूबर-2025 से 10 हज़ार ग़रीब छात्रों की शिक्षा बाधित भी हो सकती है। क्योंकि यह निर्णय किसी एक प्राइवेट स्कूल ने नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा लिया गया है। (MP Primary Education News)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बताया कि “मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक स्थिती अब ख़राब हो चली है, और ऐसी स्थिति में RTE (राइट टू एडुकेशन) के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को बिना फ़ीस के पढ़ाना सम्भव नहीं है। इसलिये प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे ऐसे 10 हज़ार बच्चों को न पढ़ाने का निर्णय लिया है। (MP Primary Education News)
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि “यदि 30 सितम्बर 2025 तक RTE (शिक्षा का अधिकार) के तहत एडमिशन लेकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की फ़ीस जमा नहीं होती है, तो प्राइवेट स्कूल इन छात्रों को शिक्षा नहीं दे पाने में असमर्थ होंगे। इसलिये अगर ऐसे छात्र प्राइवेट स्कूलों में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो 30 सितम्बर 2025 तक फ़ीस जमा करनी आवश्यक है। (MP Primary Education News)
मध्यप्रदेश के भोपाल प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बताया कि “अकेले भोपाल शहर में लगभग 1200 प्राइवेट स्कूलों में लगभग 10 हज़ार छात्रों की पिछले 3 वर्षो से फ़ीस जमा नहीं हुई हैं। इन छात्रों का RTE (शिक्षा का अधिकार) योजना के अन्तर्गत एडमिशन हुआ था, जिनकी फ़ीस जमा कराने का ज़िम्मा सरकार का होता है, लेकिन संबंधित विभाग ने अब तक इनकी फ़ीस जमा नहीं की है। (MP Primary Education News)
भोपाल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि “प्राइवेट स्कूलों में बच्चों से मिलने वाली फ़ीस से ही शिक्षकों को वेतन दिया जाता है, जबकि RTE के तहत प्रवेश पाये बच्चों की फ़ीस 3 वर्षों से बक़ाया है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को सैलेरी देने का संकट खड़ा हो गया है। एसोसिएशन ने राज्य शिक्षा केन्द्र को इस संबंध में ज्ञापन दिया है, अब देखना यह है कि उनके ज्ञापन पर सरकार क्या एक्शन लेती है?”
Source: zeenews.india
