Vande Mataram Controversy: उलेमाओं का कहना है कि इस वन्दे मातरम गीत के कुछ अंश इस्लाम के सिद्धांतों के विरुद्ध हैं और मुसलमानों से इस राष्ट्रीय गीत को गाने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिये। यह ‘वन्दे मातरम’ राष्ट्रीय गीत दुर्गा देवी की पूजा का आह्वान करता है…
न्यूज़ डेस्क: Vande Mataram Controversy- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के सभी स्कलों में राष्ट्रगीत वंदे मातरम को अनिवार्य करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से जहाँ मुस्लिम उलेमा इस्लाम धर्म की मान्यताओं के विरुद्ध बताते हुए योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय असहमत नज़र आ रहे हैं, तो वहीं इस मुद्दे ने सियासी गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

इस सम्बंध में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि इस वन्दे मातरम गीत के कुछ अंश इस्लाम के सिद्धांतों के विरुद्ध हैं और मुसलमानों से इस राष्ट्रीय गीत को गाने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिये। यह ‘वन्दे मातरम’ राष्ट्रीय गीत दुर्गा देवी की पूजा का आह्वान करता है, और मुसलमान ख़ुदा के सिवा किसी की स्तुति नहीं कर सकता।” उलेमाओं का कहना है कि हम भारत के मुसलमान ‘राष्ट्रगान’ गाते हैं और इसका पूरा सम्मान करते हैं, क्योंकि राष्ट्रीय गान में ऐसा कुछ नहीं है जो इस्लाम धर्म की मान्यताओं के विपरीत हो। (Vande Mataram Controversy)
मौलाना महमूद मदनी ने एक ऐतिहासिक सन्दर्भ देते हुए बताया कि “26-अक्टूबर 1937 को गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने पण्डित जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वन्दे मातरम गीत की मात्र पहली 2 पंक्तियों को राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया जाये। जिसके 3 दिनों बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने भी टैगोर की इस सलाह को स्वीकृति दे दी थी। और तब से लेकर आज तक राष्ट्रीय गीत की मात्र 2 दो पंक्तियां ही आधिकारिक रूप से गायी जाती हैं।”
वहीं इस संबंध में सहारनपुर के प्रसिद्ध मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा का कहना है कि “हम एक लोकतन्त्र देश में रहते हैं, और देश के सब नागरिकों को अपने अपने धर्म की मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने का अधिकार है। इस्लाम धर्म मुसलमानों को ‘वंदे मातरम’ गीत गाने की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा “मुल्क़ की आज़ादी की क़दर दिल के अन्दर होनी चाहिये, मुल्क़ से मोहब्बत दिल के अन्दर होनी चाहिये। जो लफ़्ज़ों से बयान की जाये वो अलग चीज़ होती है। (Vande Mataram Controversy)
मौलाना क़ारी इस्हाक़ गोरा ने कहा कि “जब भी इस प्रकार की कोई चीज़ सामने आती है, तो समझ आ जाता है कि कोई चुनाव नज़दीक है।” आपको बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर शैक्षणिक संस्थान में राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम’ को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। विदित हो कि आज़ादी से लेकर आज तक संवैधानिक रूप से वन्दे मातरम की मात्र 2 लाइन्स ही राष्ट्रीय गीत के रूप में गायी जाती का रही हैं। (Vande Mataram Controversy)
पीएम नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में कहा कि “वन्दे मातरम’ मात्र गीत नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण की एक भावना है, और इसे अधूरा नहीं छोड़ा जाना चाहिये” वाले इस बयान और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की सभी शैक्षणिक संस्थाओं में पूरे राष्ट्रीय गीत को अनिवार्य करने वाले निर्णय ने धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। (Vande Mataram Controversy)
