FIR Against Imam In Khandwa: असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “संविधान का आर्टिकल-19 एक मूलभूत अधिकार है। ओवैसी ने एसपी से सवाल पूछते हुए कहा कि “खंडवा के एसपी साहब बतायें कि धारा-223 बड़ी है या फ़िर संविधान का आर्टिकल-19 बड़ा है…?
खंडवा/एमपी: FIR Against Imam In Khandwa- मध्यप्रदेश के खंडवा की एक मस्जिद में बिहार से एक इमाम पर पुलिस ने प्राथिमिकी दर्ज कर दी। इमाम पर पुलिस ने यह एफआईआर इसलिये कर दी कि मस्जिद की कमेटी ने इसकी सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी? पुलिस ने बिहार से आये इमाम को मस्जिद में रुकवाने के दोष पर मस्जिद के सदर सहित इमाम के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान के आर्टिकल-19 का उल्लंघन बताते हुए कहा कि कहा कि “खंडवा के एसपी को पहले Article-19 पढ़ना चाहिये था। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि “खंडवा पुलिस का यह क़दम बिल्कुल असंवैधानिक है। खंडवा के एसपी को संविधान के आर्टिकल-19 पढ़ने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि “आखिर बिहार से आये एक इमाम को मस्जिद में ठहराना अपराध कैसे हो गया?” (FIR Against Imam In Khandwa)
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “संविधान का आर्टिकल-19 एक मूलभूत अधिकार है। ओवैसी ने एसपी से सवाल पूछते हुए कहा कि “खंडवा के एसपी साहब बतायें कि धारा-223 बड़ी है या फ़िर संविधान का आर्टिकल-19 बड़ा है…? उन्होंने कहा कि “बस व्यक्ति मुस्लिम है, इसीलिये आप उस पर केस कर रहे हैं कि आल बाहर से कैसे आये? इसके बाद अब इस मामले में खंडवा पुलिस का तर्क भी सामने आया है। (FIR Against Imam In Khandwa)
खंडवा पुलिस का कहना है कि “यह कार्यवाही नियमों के अन्तर्गत की गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, खंडवा के एसपी मनोज कुमार राय ने स्पष्ट किया कि वाह्य व्यक्तियों को ठहराने से पूर्व पुलिस को सूचना देना अनिवार्य है।” उन्होंने कहा कि “नियमों के अन्तर्गत ही यह एक्शन लिया गया है। इस मामले में खंडवा के एसपी मनोज कुमार का तर्क यह है कि “जनपद में धारा-144 लागू हैं, इसलिये ज़रूरी था कि वाह्य व्यक्तियों की सूचना सम्बंधित पुलिस थाने को देनी चाहिये थी।और यह एक सामान्य सी बात थी। (FIR Against Imam In Khandwa)
Source: tv9hindi

